हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, माहे मुहर्रम और सफर के दौरान मस्जिदें सय्यद उश शोहदा (अ) की याद में धार्मिक सभा का आयोजन करती हैं ताकि आशूरा की संस्कृति और इमाम हुसैन (अ) के मकसदों को ज़िंदा रखा जा सके। कभी-कभी इन आयोजनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकारी सुविधाएं और मदद, जैसे कि निर्धारित दर पर चावल, सभा आयोजकों को उपलब्ध कराई जाती हैं।
चूंकि ये वस्तुएं मुहर्रम की अज़ादारी कार्यक्रमों के समर्थन के लिए दी जाती हैं, इसलिए यह सवाल उठ सकता है कि क्या इन्हें अरबईन के कार्यक्रमों में, जैसे कर्बला आने वाले ज़ायरीन की सेवा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है? हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस विषय पर एक सवाल का जवाब दिया है, जो श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
सवाल: मुस्जिद की समितियों को मुहर्रम और इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी के लिए सरकारी दर पर चावल दिया जाता है; क्या इसे अरबईन के दिनों में, उन ज़ायरीन के लिए जो इराक जा रहे हैं, उपयोग किया जा सकता है?
जवाब: यह जायज़ नहीं है और इसे उन्हीं मुस्जिद समितियों को मुहर्रम और अज़ादारी समारोह के लिए ही इस्तेमाल करना चाहिए।
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